Posts

गौ परिक्रमा का महत्व

                                  गौ परिक्रमा का महत्व तिल, जौ व गुड़ का बना लड्डू नौ गायों को खिलाने से व परिक्रमा करने से संतान प्राप्ति एवं मनोवांछित फल मिलता है। पति-पत्नी में आपसी मनमुटाव या क्लेश रहता हो तो दोनों गठजोड़े से गऊमाता की परिक्रमा करें एवं घर से रोटी बनाकर तिल के तेल से चुपड़ कर गुड़ के साथ नौ गायों को खिलाएं। घर में सुख-शांति बनी रहेगी।  गर्भवती महिलाएं नौ माह में प्रत्येक अमावस्या व पूर्णिमा पर परिक्रमा कर लें तो सामान्य डिलीवरी से संतान होगी। प्रतिदिन भोजन करने से पहले एक रोटी व गुड़ अपने हाथ से देसी गाय को खिलाने से एवं गाय के मुंह से लेकर पूंछ तक हाथ फेर कर अपने शरीर पर हाथ फेरने से शरीर का संतुलन बना रहता है। गाय को जौ खिलाएं और उसके गोबर में से जौ निकले, उसे धोकर खीर बना कर एक चम्मच गाय का घी डालकर गर्भवती महिलाएं अंतिम माह में खाएं। यह साधारण डिलीवरी में सहायक है। जिन बच्चों की शादी में अनावश्यक विलम्ब हो रहा हो, वे स्वयं विधिपूर्वक गाय की पूजा करके नौ र...

गौ माता की अद्भुत महिमा

                          गौ माता की अद्भुत महिमा महामहिमामयी गौ हमारी माता है उनकी बड़ी ही महिमा है वह सभी प्रकार से पूज्य है गौमाता की रक्षा और सेवा से बढकर कोई दूसरा महान पुण्य नहीं है| १. गौमाता को कभी भूलकर भी भैस बकरी आदि पशुओ की भाति साधारण नहीं समझना चाहिये गौ के शरीर में “३३ करोड़ देवी देवताओ” का वास होता है. गौमाता श्री कृष्ण की परमराध्या है, वे भाव सागर से पार लगाने वाली है| २. गौ को अपने घर में रखकर तन-मन-धन से सेवा करनी चाहिये, ऐसा कहा गया है जो तन-मन-धन से गौ की सेवा करता है. तो गौ उसकी सारी मनोकामनाएँ पूरी करती है. | ३. प्रातः काल उठते ही श्री भगवत्स्मरण करने के पश्चात यदि सबसे पहले गौमाता के दर्शन करने को मिल जाये तो इसे अपना सौभाग्य मानना चाहिये | ४. यदि रास्ते में गौ आती हुई दिखे, तो उसे अपने दाहिने से जाने देना चाहिये | ५. जो गौ माता को मारता है, और सताता है, या किसी भी प्रकार का कष्ट देता है, उसकी २१ पीढियाँ नर्क में जाती है | ६. गौ के सामने कभी पैर करके बैठना या सोना नहीं चाहिये, न ...

गौ माता - क्यों हिंदू मानते हैं गाय को माता

                    गौ माता - क्यों हिंदू मानते हैं गाय को माता गाय हिंदू समुदाय में माता का दर्जा दिया जाता है, उसकी पूजा की जाती है। ग्रामीण इलाकों में तो आज भी हर रोज खाना बनाते समय पहली रोटी गाय के नाम की बनती है। प्राचीन समय से ही अन्य पालतु पशुओं की तुलना में गाय को अधिक महत्व दिया जाता है। हालांकि वर्तमान में परिदृश्य बदला है और गौ धन को पालने का चलन कम हो गया है, लेकिन गाय के धार्मिक महत्व में किसी तरह की कोई कमी नहीं आयी है बल्कि पिछले कुछ समय से तो गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने तक मांग उठने लगी है। गौहत्या को धार्मिक दृष्टि से ब्रह्म हत्या के समान माना जाता है हाल ही में हरियाणा में तो गौहत्या पर सख्त कानून भी बनाया गया है। आइये जानते हैं गाय को क्यों माता का दर्जा देते हैं हिंदू लोग और क्यों माना जाता है इसे श्रेष्ठ? गाय का धार्मिक एवं पौराणिक महत्व गाय को माता मानने के पिछे यह आस्था है कि गाय में समस्त देवता निवास करते हैं व प्रकृति की कृपा भी गाय की सेवा करने से ही मिलती है। भगवान शिव का वाहन नंदी (बै...

गौओं की जननी आदि गौ सुरभी और भगवान श्रीकृष्ण की गो-सेवा

Image
                        गौओं की जननी आदि गौ सुरभी और भगवान श्रीकृष्ण की गो-सेवा हरे हरे तिनकों पर अमृत-घट छलकाती गौ माता, जब-जब कृष्ण बजाते मुरली लाड़ लड़ाती गौ माता। तुम्ही धर्म हो, तुम्ही सत्य हो, पृथ्वी-सा सब सहती हो, मोक्ष न चाहे ऐसे बंधन में बँधकर तुम रहती हो। प्यासे जग में सदा दूध की नदी बहाती गौ माता, जब-जब कृष्ण बजाते मुरली लाड़ लड़ाती गौ माता।। (डा. श्रीमहेन्द्रजी मधुकर) गाय गोलोक की एक अमूल्य निधि है, जिसकी रचना भगवान ने मनुष्यों के कल्याणार्थ आशीर्वाद रूप से की है। अत: इस पृथ्वी पर गोमाता मनुष्यों के लिए भगवान का प्रसाद है। भगवान के प्रसादस्वरूप अमृतरूपी गोदुग्ध का पान कर मानव ही नहीं अपितु देवगण भी तृप्त होते हैं। इसीलिए  गोदुग्ध को ‘अमृत’ कहा जाता है।  गौएं विकाररहित दिव्य अमृत धारण करती हैं और दुहने पर अमृत ही देती हैं। वे अमृत का खजाना हैं। सभी देवता गोमाता के अमृतरूपी गोदुग्ध का पान करने के लिए गोमाता के शरीर में सदैव निवास करते हैं। ऋग्वेद में गौ को  ‘अदिति’  कहा गया है। ...

घर में बनी पहली रोटी: ऐसा करने से होती है हर मुराद पूरी, धन-धान्य से भर जाती है झोली

       घर में बनी पहली रोटी: ऐसा करने से होती है हर मुराद पूरी, धन-धान्य से भर जाती है झोली  हिंदू धर्म शास्त्रों में पशु-पक्षियों को अन्न खिलाने की बड़ी महिमा है। ऐसी पौराणिक मान्यता है कि कबूतरों को बाजरा खिलाने से घर में सुख शांति आती है और परिवार धन-धान्य से परिपूर्ण हो जाता है। हिंदू धर्म में  गाय  को पूज्य और पवित्र माना जाता है। इसकी सेवा करने वाले व्यक्ति को सभी सुख प्राप्त हो जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इसी प्रकार पक्षियों को दाना डालने पर आर्थिक मामलों में लाभ प्राप्त होता है। गाय को लेकर भी हिंदू धर्म में ऐसी पौराणिक मान्यता है कि घर में बनी पहली रोटी को गाय को जरूर खिलानी चाहिए। ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक खाना बनाते वक्त हमेशा पहली रोटी गाय के लिए बनानी चाहिए। इसके बाद ही परिवार के बाकी लोगों के लिए रोटियां सेकनी चाहिए। कोशिश करनी चाहिए कि गाय की उस रोटी में थोड़ी हल्दी भी मिली हो। इससे गाय को रोटी खिलाने का अपार फल मिलता है। गुरुवार को लोई (सना हुआ आटा) में हल्दी मिलाकर भी गाय को खिलाने से जीवन में शुभता और वैभव ह...

धन, सुख एवं संतान के रूप में पुत्र चाहिए तो इस प्रकार से करें गौ पूजन तथा सेवा

Image
            धन, सुख एवं संतान के रूप में पुत्र चाहिए तो इस प्रकार से करें गौ पूजन तथा सेवा 1. गाय – पवित्रतम् पशु यह तो सभी जानते हैं कि हिन्दू धर्म में गाय को पवित्र माना गया है, इसकी पूजा की जाती है, इसकी सेवा की जाती है, लेकिन क्यों? क्या यह महज़ मान्यता है या इसके पीछे कोई कारण भी है? वर्षों से हो रहे रीति-रिवाज़ हमेशा ही निभाए जाते हैं, आज के युग में भी लोग प्राचीन रिवाज़ों का पालन कर रहे हैं, लेकिन हर कोई इन रिवाज़ों का महत्व और उद्देश्य नहीं जानता। 2. गाय की पूजा क्यों? तो गाय की पूजा क्यों की जाती है? और इसका उद्देश्य क्या है, क्या महत्व है? गौ पूजा से हमें क्या लाभ मिलता है? आज का यह आर्टिकल इन्हीं प्रश्नों के उत्तर से ही बना है। यहां हम गाय से संबंधित कुछ ऐसे ज्योतीष उपाय भी बताएंगे, जिन्हें करने से आपके जीवन में सुख एवं संपदा की वर्षा होगी। 3. महाभारत में गौ पूजा हिन्दू धर्म के महानतम ग्रंथ महाभारत में गौ पूजा से संबंधित कुछ बातें उल्लेखनीय हैं। इसमें कहा गया है कि जो व्यक्ति, गाय माता (हिन्दू धर...